"मनुष्य के जीवन में अनेकों सम्बन्ध होते हैं। किन्तु गुरु और शिष्य के बीच के सम्बन्ध की गिनती सांसारिक सम्बन्धों में नहीं की जा सकती। वस्तुतः, कोई अटूट और शाश्वत प्रेम का सम्बन्ध है तो एकमात्र गुरु और शिष्य का है। बाक़ी सब सम्बन्धों में तो प्रमुख रूप से बंधन होता है। परन्तु गुरु-शिष्य सम्बन्ध में कोई बंधन नहीं होता क्योंकि गुरु तो स्वयं वो द्वार हैं जो हमें सब बंधनों से मुक्ति की ओर ले जाते हैं।"
“मनुष्य के जीवन में अनेकों सम्बन्ध होते हैं। किन्तु गुरु और शिष्य के बीच के
- Post author:Ved
- Post published:October 4, 2017
- Post category:Predictions by Vedant Sharmaa